Shankar Ji Ki Aartiya
शंकर जी की सभी आरतियाँ: महिमा, महत्व, और पाठ
शंकर जी, जिन्हें भगवान शिव के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण देवताओं में से एक हैं। शिव की आरतियाँ उनके विभिन्न स्वरूपों और शक्तियों का गुणगान करती हैं। यहाँ शंकर जी की प्रमुख आरतियों का SEO-अनुकूल विवरण और उनका पाठ प्रस्तुत है, जो आपकी आस्था को और भी प्रगाढ़ बनाएगा।
1. ॐ जय शिव ओंकारा: शिव के ओंकार रूप की आरती
परिचय:
ॐ जय शिव ओंकारा आरती में भगवान शिव के ओंकार स्वरूप की महिमा का गुणगान किया गया है। ओंकार शिव का वह रूप है जो सृष्टि के आरंभ का प्रतीक है। इस आरती में शिव जी के विभिन्न रूपों जैसे महाकाल, त्रिलोचन, और शंकर की महिमा का वर्णन किया गया है।
आरती का पाठ:
हिंदी (देवनागरी लिपि में):
ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव, अर्द्धांगी धारा।।
ॐ जय शिव ओंकारा।।
एकानन चतुरानन पंचानन राजे।
हंसासन गरुड़ासन वृषवाहन साजे।।
ॐ जय शिव ओंकारा।।
दक्षिण काली महाकाली कालिका माई।
माता जग जननी मांहिं शक्ति सन्दूराई।।
ॐ जय शिव ओंकारा।।
ओंकारा में एक तत्त्व है, त्रिगुण रूप है सारा।
सर्वाधार ओंकारा साकार निराकार।।
ॐ जय शिव ओंकारा।।
शिव योगी की ध्यान मूरत है, त्रिपुरारी का संहारक।
सर्व विभूति शिवधारी, नीलकंठ भयंकर।।
ॐ जय शिव ओंकारा।।
गंगा धारक नन्दीवाला, तांडव नृत्य वक्र भाला।
सत्य सनातन हर लीला, तुरीय देवा अद्वितीय शंभू।।
ॐ जय शिव ओंकारा।।
करते हो हर मंगलकारी, हर हैं त्रिविध तापहरी।
हर हर हर महादेव, दयामय दीनदयाला।।
ॐ जय शिव ओंकारा।।
हिंदी (रोमन लिपि में):
Om Jai Shiv Onkara, Swami Jai Shiv Onkara.
Brahma Vishnu Sadashiv, Ardhangi Dhara.
Om Jai Shiv Onkara.
Ekanan Chaturanan Panchanan Raaje.
Hansasan Garudasan Vrishvahan Saaje.
Om Jai Shiv Onkara.
Dakshin Kaali Mahakaali Kalika Maai.
Mata Jag Janani Manhin Shakti Sanduraai.
Om Jai Shiv Onkara.
Onkara Mein Ek Tatva Hai, Trigun Roop Hai Sara.
Sarvadhar Onkara, Sakaar Nirakaar.
Om Jai Shiv Onkara.
Shiv Yogi Ki Dhyaan Murat Hai, Tripurari Ka Sanharak.
Sarv Vibhuti Shivdhari, Neelkanth Bhayankar.
Om Jai Shiv Onkara.
Ganga Dharak Nandivala, Tandav Nritya Vakra Bhala.
Satya Sanatan Har Leela, Turiya Deva Advitiya Shambhu.
Om Jai Shiv Onkara.
Karte Ho Har Mangalkaari, Har Hain Trividha Tapahari.
Har Har Har Mahadev, Dayamay Deen Dayala.
Om Jai Shiv Onkara.
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2. ॐ जय शंकरा: शंकरा के रूप की आरती
परिचय:
यह आरती भगवान शिव के "शंकरा" रूप की महिमा का गुणगान करती है। शंकरा को सभी दुःखों का नाश करने वाला और कल्याणकारी देवता माना जाता है। इस आरती में शिव जी के मस्तक पर चंद्रमा, गंगा, और उनके साथ नंदी, गणेश का भी उल्लेख है।
आरती का पाठ:
हिंदी (देवनागरी लिपि में):
ॐ जय शंकरा, स्वामी जय शंकरा।
भोलेनाथ स्वामी, जय शंकरा।।
चन्द्रमा के मस्तक शोभे, गंगाधर शिर में।
नन्दी गणेश और भूत पिशाच, साथ में सेवा करें।।
ॐ जय शंकरा, स्वामी जय शंकरा।
भोलेनाथ स्वामी, जय शंकरा।।
शरण गहूं मैं आपकी, शम्भु मेरे त्रिपुरारी।
नन्दी गणेश भी साथ खड़े, भूत पिशाच भी रखवारी।।
ॐ जय शंकरा, स्वामी जय शंकरा।
भोलेनाथ स्वामी, जय शंकरा।।
जय भोले त्रिपुरारी, जय त्रिलोचन योगी।
साधु संतो की आस सदा, भक्तों के कष्ट हरोगी।।
ॐ जय शंकरा, स्वामी जय शंकरा।
भोलेनाथ स्वामी, जय शंकरा।।
हिंदी (रोमन लिपि में):
Om Jai Shankara, Swami Jai Shankara.
Bholenath Swami, Jai Shankara.
Chandrama Ke Mastak Shobhe, Gangadhar Shir Mein.
Nandi Ganesh Aur Bhoot Pishach, Saath Mein Seva Karen.
Om Jai Shankara, Swami Jai Shankara.
Bholenath Swami, Jai Shankara.
Sharan Gahoon Main Aapki, Shambhu Mere Tripurari.
Nandi Ganesh Bhi Saath Khade, Bhoot Pishach Bhi Rakhwari.
Om Jai Shankara, Swami Jai Shankara.
Bholenath Swami, Jai Shankara.
Jai Bhole Tripurari, Jai Trilochan Yogi.
Sadhu Santo Ki Aas Sada, Bhakton Ke Kasht Harogi.
Om Jai Shankara, Swami Jai Shankara.
Bholenath Swami, Jai Shankara.
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3. शंकर जी की आरती: त्रिपुरारी महेश की महिमा
परिचय:
इस आरती में भगवान शिव को त्रिपुरारी महेश के रूप में वर्णित किया गया है। त्रिपुरारि वह हैं जिन्होंने त्रिपुरासुर का संहार किया था। शिव जी का यह वीरता भरा रूप इस आरती में दिखाया गया है।
आरती का पाठ:
हिंदी (देवनागरी लिपि में):
जय शंकरा जय शंकरा, त्रिपुरारी महेश।
जय शंकरा जय शंकरा, त्रिपुरारी महेश।
त्रिपुरारि महेश जय, गिरिजापति गणेश।
जय शंकरा जय शंकरा, त्रिपुरारी महेश।।
हर हर महादेव शम्भु, काशी विश्वनाथ गंगे।
हर हर महादेव शम्भु, काशी विश्वनाथ गंगे।।
ॐ जय शंकरा, स्वामी जय शंकरा।
भोलेनाथ स्वामी, जय शंकरा।।
हिंदी (रोमन लिपि में):
Jai Shankara Jai Shankara, Tripurari Mahesh.
Jai Shankara Jai Shankara, Tripurari Mahesh.
Tripurari Mahesh Jai, Girijapati Ganesh.
Jai Shankara Jai Shankara, Tripurari Mahesh.
Har Har Mahadev Shambhu, Kashi Vishwanath Gange.
Har Har Mahadev Shambhu, Kashi Vishwanath Gange.
Om Jai Shankara, Swami Jai Shankara.
Bholenath Swami, Jai Shankara.
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4. आरती शिवजी: कर्पूर गौरं शिव स्तुति
परिचय:
इस आरती में भगवान शिव की शीतल, दयालु और सर्वव्यापी स्वरूप का वर्णन किया गया है। शिव जी को कर्पूर गौरं कहा गया है, जो कपूर के समान उज्ज्वल हैं। यह आरती उनकी दिव्यता का गुणगान करती है।
आरती का पाठ:
हिंदी (देवनागरी लिपि में):
आरती कीजै शिवजी की, मन हर करै
संकट हरै दुख को हरै, सुख वरै।
गौरी ललन, गंगाधर, शंकर, मंगल कर।
कर्पूर गौरं करुणावतारं, संसार सारं भुजगेन्द्र हारम्।
सदा वसन्तम् हृदयारविन्दे, भवं भवानी सहितं नमामि।।
आरती कीजै शिवजी की, मन हर करै।
हिंदी (रोमन लिपि में):
Aarti Kijai Shivji Ki, Man Har Karai
Sankat Harai Dukh Ko Harai, Sukh Varai.
Gauri Lalan, Gangadhar, Shankar, Mangal Kar.
Karpur Gauram Karunavataram, Sansar Saaram Bhujgendra Haaram.
Sada Vasantam Hridayaravinde, Bhavam Bhavani Sahitam Namami.
Aarti Kijai Shivji Ki, Man Har Karai.
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5. कर्पूर गौरम करुणावतारम्: शिव की शीतलता और दया का स्तुति
परिचय:
यह श्लोक शिव जी के शांत और शीतल स्वरूप का वर्णन करता है। कर्पूर गौरम, करुणावतारम्, भगवान शिव को करुणा और शांति का प्रतीक माना जाता है। इस श्लोक का पाठ शिव की महिमा और उनके दिव्य स्वरूप को प्रकट करता है।
आरती का पाठ:
हिंदी (देवनागरी लिपि में):
कर्पूर गौरं करुणावतारं, संसार सारं भुजगेन्द्र हारम्।
सदा वसन्तम् हृदयारविन्दे, भवं भवानी सहितं नमामि।।
हिंदी (रोमन लिपि में):
Karpur Gauram Karunavataram, Sansar Saaram Bhujgendra Haaram.
Sada Vasantam Hridayaravinde, Bhavam Bhavani Sahitam Namami.
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6. हर हर महादेव शिव शम्भु: काशी विश्वनाथ की स्तुति
परिचय:
यह आरती भगवान शिव के उस रूप की स्तुति करती है जो काशी (वाराणसी) के रक्षक और पालक माने जाते हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर में इस आरती का विशेष महत्व है।
आरती का पाठ:
हिंदी (देवनागरी लिपि में):
हर हर महादेव शिव शम्भु, काशी विश्वनाथ गंगे।
हर हर महादेव शिव शम्भु, काशी विश्वनाथ गंगे।।
हिंदी (रोमन लिपि में):
Har Har Mahadev Shiv Shambhu, Kashi Vishwanath Gange.
Har Har Mahadev Shiv Shambhu, Kashi Vishwanath Gange.
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शंकर जी की ये आरतियाँ भगवान शिव की महिमा, शक्ति, और दिव्यता का गुणगान करती हैं। इन आरतियों का नियमित पाठ भक्तों के जीवन में शांति, समृद्धि, और सुख-समृद्धि का संचार करता है।
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